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तिल गुड घ्या अणि गोड बोला…

मन मनीष
मन मनीष
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जी हाँ मराठी भाषा में मकर संक्रांति के अवसर पर दिया जाने वाला उपरोक्त शुभ
कामना सन्देश जिसका हिंदी अनुवाद बेहद आसान है-
तिल गुड से तैयार मिष्ठान का स्वाद लीजिये और मीठा बोलें. भावार्थ है अपने
व्यव्हार को सौम्य और मीठा बनाने की , चरितार्थ करने की

चूँकि मैं बचपन से महाराष्ट्र से जुड़ा रहा हूँ इसलिए यहाँ का उदाहरण दे रहा
हूँ. वैसे हम सब जानते हैं की मकर संक्रांति – उत्तरायण, लोहरी और पोंगल के रूप
में पुरे देश में मनाया जाता है.
आग्रह यह है की जिस प्रकार दुनिया में कई लोग नये साल से पूर्व संकल्प लेतें
है- कि क्या अच्छा करेंगे (कितना सफल हो पते हैं वो बात अलहदा है )
ठीक उसी प्रकार क्या इस वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर संकल्प लें सौम्य-
मिठास भरे व्यवहार को चरितार्थ करने का.
यदि महाराष्ट्र के परिपेक्ष्य में बात करें तो यहाँ की दो क्षेत्रीय राजनितिक पार्टियों के कार्य कर्ताओं को यहाँ संकल्प अवश्य ही लेना
चहिये, क्योंकि जिस व्यवहार का प्रदर्शन उत्तर भारतीय नागरिको के विरोध
में, उन्होंने गत वश किया वह गैर जिम्मेदाराना और अशोभनीय था.
भाषा किसी क्षेत्र को जोड़ने के लिए हो तो ज्यादा लाभ होगा…
तिल गुड का स्वाद हो ऐसा-संवाद में मिठास लाये जैसा

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